Updated on September 7th, 2021
ज़िंदगी के उदास पहलू को देखते हो
और उस पर मेरे दिल ख़ुशी चाहते हो
यह न हुआ है कभी, न होगा कभी
क्यों नामुमकिन सी बाते ऐ दिल सोचते हो
ज़िंदगी के उदास…
सामना हो ख़ुशी से हरदम तुम्हारा
तूफ़ान में घिर के बी समझो किनारा
जानो की मंज़िल दूर नहीं
चलना है तुम्हे ले खुदी का सहारा
ज़िंदगी के उदास…
उम्मीद की किरणे नज़र आएगी
रौशनी बनके फिर वो बिखर जाएगी
राह के मुश्किलों से कर ले दोस्ती
वोह हँसते मुस्कराते गुज़र जाएगी
ज़िंदगी के उदास…
…from college Days (1984)
1 Comment
Good poetry